कृष्ण जन्माष्टमी

नमो नारायण मित्रों, मैं राहुलेश्वर स्वागत करता हूँ आपका भाग्य मंथन में।

कृष्ण जन्माष्टमी आने वाली है और साथ में लाने वाली है दुविधा और वह दुविधा यह है कि कब है जन्माष्टमी 14 को या 15 को।

मित्रों आगे प्रमाण की तरफ बढने से पहले आपको बहुत साफ शब्दों में यह बता दूँ कि जन्माष्टमी व्रत 15 तारीख का ग्रहण किया जायेगा। मथुरा में जहाँ भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था वहाँ भी कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव 15 तारीख को ही बनाया जायेगा। अब इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि जहाँ भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ वहाँ की क्षेत्रिय परम्पराओं को मान कर जन्माष्टमी व्रत रखा जायें या आज कल के नये नये पण्डों के अल्पज्ञान को मान कर जन्माष्टमी व्रत धारण किया जायें।

भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद माह की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में माँ देवकी के गर्भ से मथुरा में कंस के कारागार में हुआ था। इस दिन अष्टमी तिथि थी इसलिए इसे कृष्ण जन्माष्टमी कहा जाता है। मित्रों हमारे शास्त्रों में किसी भी तिथि को ग्रहण करने का बहुत साधारण सा नियम है। जिसमें यह कहा जाता है कि सूर्योदय के समय जो तिथि होगी उसका ही ग्रहण किया जायेगा। अब 14 तारीख को सूर्योदय के समय सप्तमी तिथि है इसका अर्थ यह हुआ कि 14 तारीख को अष्टमी तिथि ग्रहण नहीं किया जा सकता तो इस दिन जन्माष्टमी का व्रत तो नहीं रख सकते। अष्टमी तिथि 14 तारीख को शाम 7.45 मिनट पर उदय होगी। सप्तमी के दिन जब अष्टमी उदय होती है तो यह वैसे भी दूषित मानी जाती है और सभी प्रकार के शुभ कर्मों के लिए पूर्ण रुप से त्याज्य बतायी गयी है। 15 अगस्त मंगलवार को अष्टमी तिथि शाम 5.39 मिनट तक है उसके पश्चात् नवमी तिथि का उदय हो जायेगा लेकिन 15 तारीख का पूरा दिन अष्टमी तिथि ही माना जायेगा क्योंकि 15 तारीख सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि है।

अब एक साधारण सी बात को समझें जब आपका जन्म होता है तो सबसे पहले आपके परिवार को पता चलता है और आपके जितने भी परिवारजन होते है आपके जन्म दिवस को याद रखते है और जन्मदिवस आते ही आपको बधाईयाँ देते है। आपका जन्म दिवस आपके परिवारजनों को ज्यादा अच्छे से याद होता है न कि पडोसियों को। उसी प्रकार कृष्ण जी जन्में मथुरा में, मथुरा में जन्माष्टमी बनायी जायेगी 15 तारीख को, कृष्ण जी विष्णु जी के अवतार मानें जाते है इन्हीं विष्णु तत्व को मानने वाले वैष्णव सम्प्रदाय में जन्माष्टमी बनायी जायेगी 15 तारीख को, शास्त्र भी 14 तारीख को सप्तमी तिथि घोषित करता है न कि अष्टमी तो फिर यहाँ 14 तारीख को जन्माष्टमी बनाने का संशय बचता कहाँ है।

2017 में जन्माष्टमी उत्सव 15 तारीख मंगलवार के दिन मनाया जायेगा। लीलामयी पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाऐं। जय श्री राधे ।

।। नमो नारायण ।।

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