नमो नारायण मित्रों मैं राहुलेश्वर स्वागत करता हूँ आपका भाग्य मंथन में।
मित्रों आज हम जानेगें केतु देव के बुरे प्रभाव को शान्त करने वाले 7 सरल उपाय, यह उपाय सिद्ध और बहुत सरल है। ईश्वर में आस्था रखते हुऐ पूरे भक्ति भाव से यदि इन्हें किया जाये तो निश्चित रुप से केतु देव का बुरा प्रभाव दूर होगा और सफलता प्राप्ति होगी।
आप कब इन उपायों कर सकते है पहले यह जान लीजियें।
- जन्म कुण्डली के आधार परः
यदि आपकी जन्म-कुण्डली में केतु देव नीच राशि में हो, शत्रु राशि में हो, खराब प्रभाव में हो, किसी शत्रु ग्रह के साथ बुरा योग बना रहे हो, शनि के दृष्टि प्रभाव में हो, शनि के साथ हो।
- समस्याओं के आधार परः
केतु ग्रह शरीर की पुष्ठी से सीधा सम्बन्ध रखते है और कुछ कुछ राहु और मंगल जैसा फल देते है, सन्तान उत्पत्ति में बाधा हो, अकारण डर लगना, दब्बूपन रहना, कमर से नीचे के रोग लगना, गुप्त रोग होना, विवेकहीनता, दूसरो की बातों में जल्दी आकर अपना नुकसान करवा लेना। इस प्रकार की समस्याऐं आती हो तो आप यह उपाय कर सकते है।
- रोज स्नान के जल में थोडी जटामासी और ब्राह्मी डालें और उसके पश्चात् स्नान करें।
- स्नान के पश्चात् बटुक भैरव का पूजन भक्ति भाव से करें।
- भोजन की पहली रोटी गुड के साथ गाय माता को खिलायें।
- एक बार पहना हुआ कपडा बिना धोयें दुबारा न पहनें, पसीने वाले कपडों को पहनने से केतु अपना बुरा प्रभाव देने लगते है।
- विकलांगों की सहायता करें, विकलांगों को वस्त्र, अन्न और यथाशक्ति जो भी दें पायें वो जरुर दें।
- गली के आवारा कुत्तों के भोजन की व्यवस्था करें, कुत्तों को कभी मारें न, कुत्तों पर अत्याचार करने से केतु ग्रह के बुरे प्रभाव मिलने लगते है।
- बुधवार और शनिवार के दिन भैरव जी के दर्शन जरुर किया करें और शाम के समय सुन्दरकाण्ड का पाठ किया करें।
इन सात सरल उपायों को करने से केतु देव का बुरा प्रभाव धीरे धीरे शान्त होने लगता है।
आज के लिए इतना ही कल फिर मिलेगें ज्ञान यात्रा में, तब तक के लिए आज्ञा चाहते है आपका जीवन शुभ व मंगलमय हो।