जन्म कुंडली के पांचवें भाव से क्या विचार किया जाता है, भाग्य मंथन, गुरु राहुलेश्वर जी

[vc_row][vc_column][vc_column_text]पाँचवा भावः पाँचवे भाव को यश, तनय, सुत, बुद्धि, विधा, आत्मज, वाक्, पंचम, विवेक, शक्ति, प्रभाव, तनुज, उदर, पुत्र, दे...