विष्णु गाथा 3

नमो नारायण मित्रों, सृष्टि के पालनकर्ता भगवान विष्णु के 1000 नामों के मानसिक जाप का आज दूसरा दिन है। यहाँ हम रोज विष्णु जी के एक नाम का अर्थ जानेगें और उसके पश्चात् उस नाम के मंत्र का पूरे दिन मानसिक जाप करेगें। यह एक प्रकार सामूहिक मंत्र जाप है। समूह में करी गई प्रार्थना और मंत्र जाप बहुत जल्दी सफल होते है। इस मंत्र जाप का हिस्सा कोई भी बन सकता है। आप किसी भी प्रकार का कार्य करते हो या किसी भी स्थिति में हो इस मंत्र का मानसिक जाप पूरे दिन करें इससे आपके और आपके परिवार का कल्याण तो होगा ही साथ में पूरी सृष्टि को भी इसका पुण्यफल प्राप्त होगा।

मानसिक जाप शुरू करने से पहले हम विघ्नहर्ता श्री गणेश का ध्यान करेंगें जिससे इस पुण्यकार्य में आने वाले विघ्नों का नाश हो जाये।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।

3.वषट्कार

अर्थः जो परम पवित्र यज्ञस्वरुप है जिनकी प्राप्ति के लिए यज्ञ में वषट् क्रिया की जाती है।  यज्ञ आरम्भ करने से लेकर सम्पन्न होने तक 6 (षट्) प्रकार की मुख्य क्रियाऐं कि जाती है जोकि विष्णु रुपी पुण्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से की जाती है।
मानसिक जाप मंत्रः

।। ओऊम वषट्काराय नमः ।।

इस मंत्र का जाप करते समय आप इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि यह सामूहिक जाप है इसलिए इस मंत्र जाप को करते समय पूरी सृष्टि के लिए शान्ति और सद्भावना मागें। अपने लिये की गई याचना स्वार्थ से दूषित हो जाती है लेकिन सबके लिए की गई याचना शुद्ध होती है और इस प्रकार से की गई याचना सदैव शुभफल देने वाली होती है।

आज के लिए इतना ही, कल फिर मिलेगें विष्णुगाथा में तब तक के लिए आज्ञा चाहते है।

।। नमो नारायण ।।

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