विष्णु गाथा 1

नमो नारायण मित्रों,

आज से हम सृष्टि के पालनकर्ता विष्णु जी के 1000 नामों का मानसिक जप आरम्भ करने जा रहे है जिसमें रोज हम क्रमबध रुप से एक नाम का अर्थ जानेगें और उसके पश्चात् उस नाम का पूरे दिन मानसिक जाप करेगें। यह एक प्रकार सामूहिक मंत्र जाप है। समूह में करी गई प्रार्थना और मंत्र जाप बहुत जल्दी सफल होते है। इस मंत्र जाप का हिस्सा कोई भी बन सकता है। आप किसी भी प्रकार का कार्य करते हो या किसी भी स्थिति में हो इस मंत्र का मानसिक जाप पूरे दिन करें इससे आपके और आपके परिवार का कल्याण तो होगा ही साथ में पूरी सृष्टि को भी इसका पुण्यफल प्राप्त होगा।

सर्वप्रथम हम विघ्नहर्ता श्री गणेश का ध्यान करेंगें जिससे इस पुण्यकार्य में आने वाले विघ्नों का नाश हो जाये।

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ।।

1.विश्वम्

अर्थः जो परमसत्ता है, जो परमेश्वर है, जो साक्षात पूरा विश्व है, जिसमें पूरी सृष्टि समाहित है, इस सृष्टि के कण कण में जिन प्रभु का वास है, वह विश्वम् नाम से भी जाने जाते है।मानसिक जाप मंत्रः

।। ओऊम विश्वस्मै नमः ।।

इस मंत्र का जाप करते समय आप इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि यह सामूहिक जाप है इसलिए इस मंत्र जाप को करते समय पूरी सृष्टि के लिए शान्ति और सद्भावना मागें। अपने लिये की गई याचना स्वार्थ से दूषित हो जाती है लेकिन सबके लिए की गई याचना शुद्ध होती है और इस प्रकार से की गई याचना सदैव शुभफल देने वाली होती है।

आज के लिए इतना ही, कल फिर मिलेगें विष्णुगाथा में तब तक के लिए आज्ञा चाहते है।

।। नमो नारायण ।।

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