मूलाँक 4, भाग्य मंथन, गुरु राहुलेश्वर जी

मूलाँक 4 ( अंक शास्त्र )

 नमो नारायण मित्रों, मैं राहुलेश्वर, स्वागत करता हू आपका भाग्य मंथन में।

 मित्रों आज हम बात करेगे अंक ज्योतिष शास्त्र की जिसमें अंको को आधार बनाकर भविष्य जाना जाता हैं इस विधा का प्रयोग दक्षिण भारत में वैदिक काल से ही किया जाता रहा है बाद मे पश्चिमी सभ्यता ने इसे अपनाया और विस्तार किया ।

 1 से लेकर 9 अंक मे सब कुछ समेट कर भविष्य कथन की इस विधि को आप भी समझिये और रोजर्मरा के जीवन में इसक प्रयोग करके लाभ उठाईये।

आज हम बात करेगें अंक 4 के बारे में  जिनका जन्म किसी भी महिने की 4,13,22,31 तारीख में होता है उनका जन्म मूलाँक 4 होता है। अंक 4 पर राहु का आधिपत्य होता है। इस अंक का प्रभाव बाकी और ग्रहों के प्रभाव से अलग है। इस ग्रह का कोई भौतिक स्वरूप नहीं है यह एक छाया ग्रह मात्र है। 4 अंक मे जन्में लोगो का जीवन सदैव एक सा नहीं रहता।इनके विचारों में बहुत तेजी से परिवर्तन आता है। 4 अंक के लोग बहुत शक्की मिजाज के होते है । विश्वास करते है लेकिन कभी भी पूरा नहीं। आपके अस्थिर मस्तिष्क का प्रभाव आपकी वाणी पर साफ दिखता है।कभी आदरपूर्ण शब्दों से सामने वाले की खूब प्रशंसा करते है तो कभी इनके शब्द रूखे और कटीले होते हैं। आलोचना आपका सबसे पसन्दीदा कार्य है। जीवन में अचानक से सफलता पाते है और असफलता का मुँह भी अचानक से देखना पड़ता है। आपका जीवन रहस्यों से भरा रहता है। घर – परिवार , धन – धान्य, शानो-शौकत होने के बाद भी जीवन में असन्तुष्ठ और मानसिक रूप से पीड़ित रहते है। आप किसी भी व्यक्ति का भरोसा बहुत जल्दी जीत लेते है।

  • 4 अंक की प्रकृति – 4 अंक में जन्म लेने वाले लोग मानसिक रूप से सदैव पीड़ित, बुझा हुआ सा चेहरा, भविष्य को लेकर भयभीत, समाज मे प्रतिष्ठित, भौतिकता को पाने की प्रबल इच्छा, सभी भोगों मे रूची, अत्यधिक गुस्सेल व मित्रों के प्रति स्नेह रखने वाले होते हैं, जिसे अपना मानते है उसके लिए जी जान लगा देते है।
  • 4 अंक वालों की पेशा व आजीविका – इंजीनियरिंग, गाड़ियो का क्रय-विक्रय, बिल्डर, रेल विभाग, वायु सेना, टेलर, रेलवे, राजनीति, माइनिंग से सम्बन्धित कार्य अंक 4 के अन्तर्गत आते है।
  • अनुकूल राशियाँ और अंक – आपके लिए मिथुन, कन्या, तुला राशियाँ सबसे अनुकूल हैं और आपके लिए 1,4,8 अंक अच्छा फल देने वाला होता है।
  • अनुकूल अक्षर – D,M,V,H,Q,Z  अक्षर आपके लिए सबसे ज्यादा अनुकूल है।
  • नवरत्न – गोमेद रत्न व हीरा आपके लिए विशेष शुभ रत्न है।
  • शुभ दिशा – दक्षिण पश्चिम दिशा आपके लिए सबसे ज्यादा शुभ है।
  • शुभवार – रविवार और शुक्रवार का दिन आपके लिए विशेष रूप से शुभ हैं।
  • शुभ दिनाँक – 04,13,22,31,8,17,26 तारीखें आपके लिए विशेष शुभ हैं।
  • शुभ यंत्र – राहु देव का अंक यन्त्र और सरस्वती यन्त्र आपके लिए विशेष शुभ है।
  • शुभ रंग – नीला और गोल्डन ब्राउन रंग आपके लिए विशेष शुभ हैं।
  • शुभ मंत्र – ओम सरस्वतयै नमो नमः का जाप आपके लिए विशेष शुभ हैं।
  • मुख्य बिमारियाँ – रक्त सम्बन्धी विकार, रक्त की कमी, मानसिक रोग, चर्म रोग, स्नायु सम्बन्धी रोग 4 अंक वालो को सबसे ज्यादा होते है।
  • अशुभ महिनें – सितम्बर, नवम्बर, दिसम्बर 4 अंक वालो के खराब होते है।

आज के लिए इतना ही कल फिर मिलेगें ज्ञान के बढते रथ के साथ भाग्य मंथन में, तब तक के लिए आज्ञा चाहते है, आपका दिन शुभ व मंगलमय हो।

 ।। नमो नारायण ।।

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