मणिबंध का महत्व

नमो नारायण मित्रो, मैं राहुलेश्वर स्वागत करता हूँ आपका भाग्य मंथन में.

मित्रो आज हम जानेगे की हस्त रेखा विज्ञान में मणिबंध का महत्व और उसके आधार अपर मृत्यु कब होगी.

मणिबंध हमारे हाथ और कलाई का संधि होता है. हस्त रेखा शास्त्र में इस संधि का बहुत महत्व होता है.लम्बी आयु प्राप्त करने के लिए पंडित जी के द्वारा अभिमंत्रित रक्षा सूत्र जिसे कलावा भी कहते है इसी स्थान पर बाँधा जाता है बहन द्वारा राखी भी यही बंधा जाता है.
मणिबंध ऐसा गुप्त स्थान है जिससे आप अपने पूर्व जन्म में किये अच्छे व बुरे कर्म को सरलता से जान सकते है.मणिबंध सामान्तया तीन व ४ गुथी हुयी रेखाएं होती है. व्यक्ति विशेष के कर्मो के अनुसार किसी के हाथ में एक तो किसी के हाथ में २ या ३ रेखाएं पायी जाती है.इन रेखाओ को आधार मानकर हस्त रेखा शास्त्र में आयु का बताया गया है.

एक रेखा हो तो : जब मणिबंध पर एक ही रेखा हो और वो कमजोर और धुंधली हो तो यह संकेत २५-३० आयु को प्रकट करता है इसके बाद जीवन रेखा से भी आयु निर्णय जरूर देखना चाहिए.अगर जीवन रेखा भी कमजोर और टूटू फूटी हो तो संकेत को सही मानना चाहिए.ऐसी रेखा होने पर जातक को भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए और सोमवार का व्रत रख कर महामृत्युंजय का मंत्र नित्य १०८ बार जाप करना चाहिए.

दो रेखाएं हो तो : जब मणिबंध पर २ रेखाएं हो तो जातक की आयु २५-५० वर्ष समझनी चाहिए. मणिबंध की रेखाएं यदि मजबूत और साफ़ दिखती है तो जातक अपने जीवनकाल में धनवान रहता है.और रेखाएं धुंधलीऔर हल्की हो तो जीवन मेहनत करते हुए बीतता है.हल्की रेखाएं होने पर द्वादश शिवलिंग का ध्यान करना चाहिए

तीन रेखाएं हो तो: जब मणिबंध पर ३ रेखाएं हो तो जातक की आयु ५०-८० वर्ष समझनी चाहिए. मणिबंध की रेखाएं मजबूत है और साफ़ दिखती हो तो जातक को कभी किसी चीज़ की कमी नहीं होती है. सरकार में किसी उच्च पद पर होने का सनकेट मिलता है. तीन रेखाएं हो वो भी कटी-फटी तो शिवलिंग पर रोज गंगाजल काळा तिल डालकर अभिषेक करना चाहिए और श्रवण मास में सोमवार के व्रत रखना चाहिए.

चार रेखाएं हो तो : जब मणिबंध पर ४ रेखाएं हो तो जातक को ८०-१०० वर्ष माननी चाहिए परन्तु यहाँ पर जीवन रेखा को भी ध्यान में रखना चाहिए महाकाल शिव की ऐसे लोगो की बहुत कृपा होती है. नित्य रुद्राक्ष की माला से ओम नमः शिवाय मंत्र का १०८ बार जाप करना चाहिए.

आयु निर्धारण में हस्त रेखाएं और मणिबंध बहुत से संकेत देते है लेकिन कई बार इन संकेतो के विपरीत भी फल प्राप्त हो जाते है और उसका कारण है हमारे हमारे द्वारा किये गए करम हमारे द्वारा किये अच्छे कम भाग्य भाग्य बदलने में पूर्णतः सक्षम होते है. यदि हाथ में मणिबंध रेखाएं कमजोर हो तो हमारे अच्छे करम उन्हें पूर्णतयः बदल देते है और बुरे कर्मो के प्रभाव से १०० वर्ष की आयु वाला जातक भी तत्काल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है.

आज के लिए इतना ही फिर मिलेंगे ज्ञान यात्रा में,तब तक के लिए आज्ञा चाहता हूँ, आपका जीवन शुभ व मंगलमय हो.