नमो नारायण
मित्रों मैं राहुलेश्वर स्वागत करता हूँ आपका भाग्य मंथन में।
मित्रों जीवन चलाने के लिए कर्म करना बहुत जरुरी है। अपने भविष्य को सुन्दर बनाने के लिए लोग रात दिन मेहनत करते है फलस्वरुप फल की प्राप्ति भी होती है लेकिन किसी को ज्यादा, किसी को मध्यम और किसी को बहुत कम और तब जिस चीज को मनुष्य कोसता है वह है हमारा सोया हुआ भाग्य। इसी सोये हुऐ भाग्य को जगाने के लिए आज हम आपको नाम के प्रथम अक्षर से 5 जबरदस्त उपाय बतायेगें जिन्हें नियमित रुप से करने पर आप जल्दी ही धनवान होगें।
आज हम बात करेगें कुम्भ राशि के बारे में, जिनके नाम का पहला अक्षर गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा है उनकी कुम्भ राशि होती है। कुम्भ राशि वायु तत्व के अन्तर्गत आती है और इनके स्वामी शनि ग्रह है इस राशि में जन्में लोग बुद्धिमान, धनवान, ईमानदार, कलाप्रेमी, नेतृत्व करने वाले, मदद के लिए तत्पर, कलाप्रेमी, स्वतन्त्रा के पक्षधर, वार्तालाप में निपुणता के लिए जाने जाते है।
आईये अब यह जानें की वह कौन से पाँच जबरदस्त और सरल उपाय है जिन्हें कोई भी कुम्भ राशि का जातक कर सकता है और जीवन में सफल हो सकता है।
- दानः ।। सर्वेषाम उपायानां दानं श्रेष्ठतमं मतम ।। जैसाकि मैं सदैव बोलता हूँ कि कलयुग में सभी समस्याओं का सबसे श्रेष्ठ उपाय दान है। जो मनुष्य गरीब और असहाय लोगों की हमेशा सहायता करता है उसपर ईश्वर सदैव प्रसन्न रहते है और दान करने वाले के घर के भण्डार सदैव भरे रहते है। भूखों को भोजन, बीमारों को दवा और गरीब बच्चों को शिक्षा में सहायता करने के साथ-साथ यदि आप बृहस्पति और सूर्य सम्बन्धी चीजों का दान भी करें तो आपको जीवन में तेजी से सफलता मिलेगी। बृहस्पति के लिए पीली दाल, पीली मिठाई, पीले वस्त्र और सूर्य के लिए लाल चन्दन, गुड़ और लाल रंग के वस्त्र देना आपके लिए शुभ साबित होगा।
- रुद्राक्ष धारणः मानवता के कल्याण के लिए भगवान रुद्र की आँख से गिरें आँसुओं से जिस बीज की उत्पत्ति हुई उसे रुद्राक्ष कहा जाता है। रुद्राक्ष को साक्षात् भगवान शिव ही माना जाता है। रुद्राक्ष का महात्म्य शिव पुराण, देवी भागवत, नारद पुराण, अग्नि पुराण जैसे कई पुराणों में विस्तार से बतलाया गया है। कुम्भ राशि को सभी प्रकार की सफलताओं और समृद्धि प्राप्त करने के लिए 7 मुखी और 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
- वृक्षारोपणः जीव को जीने के लिए प्रकृति के साथ मिलकर चलना होता है। प्रकृति से ही जीवन है और यही सभी चीजों का आधार है। भारतीय आयुर्वेद और वैदिक ज्योतिष में भी जन्म नक्षत्रों और जन्म-राशियों से वृक्षों का सम्बन्ध बताया गया है। इसलिए जन्म राशि से सम्बन्धित वृक्षों को लगाने और उनका ध्यान रखने से भी भाग्यवृद्धि और समृद्धि आपके घर आती है। आप लोगों के लिए कमल, कदम्ब, शमी, नारियल का पौधें लगाना बहुत शुभ साबित होगा।
- मित्र ग्रहों को दे बलः जिस प्रकार मित्रों की सहायता से जीवन के बहुत से कार्य आसान और सफलतापूर्वक सम्पन्न हो जाते है उसी प्रकार जब हम अपनी जन्म राशि के स्वामी ग्रह के मित्र ग्रहों को बल देते है तो हमारे जीवन में भी धन लक्ष्मी और समृद्धि स्वयं आने लगती है। कुम्भ राशि के लिए पंचम और नवम भाव के स्वामी बुध और शुक्र है। बुध आपकी जन्म कुण्डली में पंचम और अष्टम स्थान के स्वामी है जिसमें पंचम भाव का फल तो शुभ होगा लेकिन यहाँ बुध अष्टम भाव का फल भी देगें इसलिए बुध को अधिक बल देना ज्यादा अच्छा नही रहेगा। शुक्र आपकी पत्रिका में सुख और भाग्यवृद्धि करने वाले है इसलिए शुक्र को बल देना आपके लिए हर प्रकार से सही रहेगा। इसके लिए आप नहाने के पानी में इलायची के कुछ दाने जरुर डाले और उसके पश्चात् स्नान करें और शुक्रवार के दिन माँ दुर्गा को भोग में अनार चढायें। शुक्र को अधिक बल देने के लिए शुक्र रत्न सफेद ओपल धारण किया जा सकता है लेकिन उससे पहले जन्म-कुण्डली का विश्लेषण जरुर करवायें।
- मंत्र जापः मंत्र जाप क्या है पहले यह जानें। मानसिक और भौतिक सभी समस्याओं पर शोध करके उनके उपाय रुप में शब्दों को निश्चित क्रम से प्रयोग करने की विधि को मंत्र कहा जाता है। सामान्य शब्दों में समझे तो मन रुपी राक्षस जितनी भी समस्याऐं उत्पन्न कर सकता है उन सभी समस्याओं से मुक्ति दिलाने वाली युक्ति को मंत्र कहते है। धन सम्पदा और चर्तुमुखी विकास के लिए बताये गये मंत्र का रोज 108 बार जाप करें। मंत्र इस प्रकार है।
।। ओऊम् श्रीं उपेन्द्राय अच्युताय नमः ।।
इसी के साथ हम आप सभी दर्शकों से आज के लिए आज्ञा चाहते है आपका जीवन शुभ व मंगलमय हो।
।। नमो नारायण ।।