चार मुखी रुद्राक्ष

नमो नारायण मित्रों मैं राहुलेश्वर स्वागत करता हूँ आपका भाग्य मंथन में।

आज हम आपको चार मुखी रुद्राक्ष के बारे में जानकारी देगें और साथ में यह भी बतायेगें कि कौन से जन्म नक्षत्र, जन्म लग्न और जन्म राशि वाला जातक इसे धारण कर सकता है और साथ में यह भी बतायेगें कि शिव महापुराण का वह कौन सा मंत्र है जिससे चार मुखी रुद्राक्ष सिद्ध होता है।

चार मुखी रुद्राक्ष साक्षात् सृष्टि रचयिता चतुर्मुखी ब्रह्मा जी का स्वरुप है। इसको धारण करने वाला चारों दिशाओं में ख्याति प्राप्त करता है। चार मुखी रुद्राक्ष सभी प्रकार के शुद्ध ज्ञान का प्रतीक है। चार मुखी रुद्राक्ष को चतुर्वेदों का प्रतीक भी माना जाता है। ऐसा बताया जाता है इस रुद्राक्ष को धारण करने मात्र से ही जातक शुद्ध ज्ञान की तरफ आकर्षित होने लगता है।

चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से नेत्र विकार दूर होते है, चेहरे पर तेज और वाणी में मधुरता आती है। जिन बच्चों का पढाई में मन नहीं लगता, पढते समय जिन बच्चों की एकाग्रता भंग हो जाती है, जो पढने के पश्चात् भी सब कुछ भूल जाते है या फिर जिस बच्चे को वाणी दोष हो तो उसे चार मुखी रुद्राक्ष जरुर धारण करवाना चाहिए।

चार मुखी रुद्राक्ष पर बुध ग्रह का अधिपत्य आता है। बुध ग्रह को ज्योतिषशास्त्र में युवराज का स्थान प्राप्त है। बुध ग्रह तेजी से सफलता दिलाने के लिए जाने जाते है। इसलिए चार मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से बुद्धि विकास तो होता ही है साथ में तेजी से सफलताऐं भी मिलने लगती है। जो लोग कवित्व, साहित्य, ज्योतिषशास्त्र, गणित, लेखन, लेखांकन, बैंकिग, रिसर्च क्षेत्रों से जुड़े है उनके लिए चार मुखी रुद्राक्ष बहुत शुभ साबित होता है।

जन्म-कुण्डली में जब बुध ग्रह खराब स्थिति में हो जैसे कि अपनी नीच राशि मीन में हो, चन्द्रमा के साथ हो, अकेला किसी खराब भाव में बैठा हो, शत्रु ग्रह में विराजमान हो, क्रूर ग्रह की दृष्टि प्रभाव में हो, निरन्तर धन हानि हो रही हो तो चार मुखी रुद्राक्ष धारण करना आपको काफी राहत पहुँचा सकता है।

चार मुखी रुद्राक्ष के सम्बन्ध में कुछ और विशेष बातें।

  1. जिनका जन्म नक्षत्र आश्लेषा, ज्येष्ठा, रेवती हो वह लोग निसंकोच चार मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
  2. जिनका जन्म लग्न व जन्म राशि मिथुन व कन्या हो वो लोग भी चार मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है।
  3. जो लोग शुद्ध ज्ञान को प्राप्त करना चाहते है वह लोग चार मुखी रुद्राक्ष को जरुर धारण करें।
  4. जिन लोगों को बहनों और बुँआ की तरफ से सदैव समस्याऐं मिल रही हो उन्हें चार मुखी रुद्राक्ष जरुर धारण करना चाहिए।
  5. अंकशास्त्र के अनुसार जिनका मूलाँक व भाग्याँक 5 हो उन लोगों को भी यह रुद्राक्ष जरुर धारण करना चाहिए।
  6. चार मुखी रुद्राक्ष मानसिक रोगों, पक्षाघात, नासिका रोग और श्वास नलिका से सम्बन्धी रोगों में बहुत लाभदायक रहता है।
  1. चार मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने का मंत्र जो शिवमहापुराण में बताया गया है वह इस प्रकार है।

  ।। ओऊम ह्रीं नमः ।।

  1. रुद्राक्ष को सदैव शुक्ल पक्षीय सोमवार के दिन शिवलिंग का अभिषेक करने के पश्चात् पहनना चाहिए।

कई जगह रुद्राक्ष के सम्बन्ध यह बातें कही जाती है कि रुद्राक्ष धारण मात्र से ही नर हत्या जैसे पाप भी नष्ट हो जाते है परन्तु मैं निजि रुप से यह नही मानता। रुद्राक्ष धारण करने से पाप मुक्त होने के मार्गों का ज्ञान होता है और साथ में हम मानसिक और आत्मिक रुप से मजबूत होते है जिससे हम बुरें कर्म फलों को सरलता से भोग पायें। प्रत्येक प्राणी को अपने कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है और यह अकाट्य सत्य है।

इसी के साथ में आज के लिए आप से आज्ञा चाहता हूँ कल फिर मिलेगें भाग्य मंथन में। आपका जीवन शुभ व मंगलमय हो।

।। नमो नारायण ।।

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