नमो नारायण मित्रों,
मैं राहुलेश्वर, स्वागत करता हूँ आपका भाग्य मंथन में।
मित्रों आज हम आपको बतायेगें गंजापन एवं बालों की कई समस्याओं का उपचार आयुर्वेद की सहायता से।
इस पुण्य कार्य को करने के लिए हमारे साथ जुडने जा रहे है वनौषधि विघापति, आयुर्वेद गौरव वैघ (डाँ0) मायाराम उनियाल जी। आयुर्वेद के क्षेत्र में अपने सेवा कार्यों के लिए आपने भारत की राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवीसिंह पाटिल जी द्वारा पंडित राम नारायण वैध पुरस्कार 2006 भी प्राप्त किया है।
आयुर्वेद में गंजापन को खालित्य कहते है। आयुर्वेद में बालों के सफेद होने को पलित रोग कहते है। बालों की जड़ में रहने वाला रक्त, पित्त के साथ कुपित होकर बालों को गिरा देता है। इसके बाद रक्त के साथ कफ, रोग कुपों को रोक देता है। जिससे फिर बाल दुबारा नहीं उग पाते है। कभी-कभी दाढ़ी, पलकों, भौंहों के बाल भी इसी कारण से उड़ जाते है।
आईये अब इसका उपचार जानें।
- कड़वे जंगली परवल के पत्र स्वरस गंजेपन पर नियमित लगाने से लाभ होता है।
- गन्धक पानी में पीसकर एंव शहद मिलाकर लगाने से गंज रोग में लाभ होता है।
- आंवलों को चुकन्दर के रस में पीसकर गंजेपन पर लगाने से लाभ होता है।
- भृंगराज (भांगरा) पत्र स्वरस का लेप, त्रिफलाधन के साथ लेप करने से लाभ होता है।
- गंज रोग में हाथी दांत की भस्म का लेप लाभ करता है। हाथीदांत की भस्म एंव रसौंत बराबर की मात्रा में लेकर लेप करने से लाभ होता है। इसका प्रयोग 2 माह तक करना चाहिए।
- बालों के झड़ने में बालों की सुरक्षा में विशेष ध्यान देना चाहिए। पौष्टिक आहार, सन्तुलित-सात्विक भोजन करने से लाभ होता है। बालों की चिकनाई बनाये रखने के लिये रीठा, शिकाकाई, रतनजोत, जटामांसी, आंवला इनके चूर्ण का लेप तैयार कर सिर पर लगाना चाहिये।
- आंवला फलमज्जा 100 ग्राम, हरड़ 50 ग्राम, बहेड़ा 25 ग्राम, लौह चूर्ण 25 ग्राम, भांगरा 25 ग्राम, आम की गुठली 25 ग्राम सभी का चूर्ण तैयार कर लोहे के बर्तन में रात भर भिगोकर रखें। दूसरे दिन बालों पर नियमित लेप करें।
- भृंगराज सूखा- काले तिल, आंवला, मिश्री बराबर मात्रा में लेकर 5 ग्राम चूर्ण को दिन में दो बार दूध के साथ सेवन करें।
- महाभृंगराज तेल, ब्राह्मी आंवला तेल का भी प्रयोग आप बालों के झड़ने में प्रयोग कर सकते है।
- कभी कभी बालों की समस्याऐं कब्ज के कारण भी होती है इसलिए जब ऊपर बताये उपचार आप कर रहे हो तो लघु विरेचक चूर्णों का सेवन भी आप कर सकते है।
आज के लिए इतना ही कल फिर मिलेगें ज्ञान यात्रा में तब तक के लिए आपसे आज्ञा चाहते है। आपका जीवन शुभ व मंगलमय हो।