ईश्वर का स्वर्ण सूत्रम

नमो नारायण मित्रों मैं राहुलेश्वर स्वागत करता हूँ आपका भाग्य मंथन में।

आज हम बात करेगें गोमती चक्र के बारे में।

तन्त्र शास्त्र से लेकर भारतीय ज्योतिषियों में गोमती चक्र बहुत प्रसिद्ध है यह सामान्यतः गोमती नदी में पाया जाता है। इसकी आकृति पर यदि ध्यान दिया जाये तो यह स्वर्ण सूत्रम (Golden Ratio) पर आधारित है।

इसकी आकृति को भगवान विष्णु के चक्र से जोड़कर भी देखा जाता है जिसका अर्थ है सही गति से सदैव गतिमान रहना। सभी गोमती चक्रों पर प्राकृतिक रेखाऐं सामान्यतः एक जैसी होती है। सर्वप्रथम लिओनारडो फिबोनाची जोकि इटेलियन अंकशास्त्री थे उन्होंने इस चक्र को अंकों के साथ जोड़ा और एक बड़े रहस्य को उजागर किया।

पूरी सृष्टि इस चक्र के रुप में ही चलती है, चाहे वह हमारी आकाश गंगा हो, ग्रहों का आकाश गंगा में भ्रमण पथ, समुद्र में तूफान, हवाओं का बवंडर, हमारे शरीर का अनुपात, सूरजमुखी फूल का निर्माण अनुपात, हम तक स्वर के पहुचने की तरंगों का मार्ग या इस जैसा बहुत कुछ सब इसी आकृति पर आधारित है।

भारतीय सस्कृति में जिन प्रतिकों को देवी देवताओं से जोड़कर पूजन किया जाता है निश्चित ही उन सबके पीछे बहुत बड़े रहस्य छुपे हुऐ है जिन्हें हमें सामने लाने का प्रयास करना चाहिए। शास्त्रों में गृहस्थों के लिए इन्हें कई तरीकों से प्रयोग करना बताया गया है।

समस्याओं के आधार पर इन्हें कैसे प्रयोग किया जाता है आईये जानें।

  1. व्यवसाय में बरकत के लिएः 21 गोमती चक्रों को लक्ष्मी गायत्री मंत्र द्वारा 7 दिन तक सिद्ध किजिये और शुक्रवार के दिन लाल कपड़े में बाँधकर धन रखने के स्थान पर रख दें और प्रत्येक शुक्रवार को गोमती चक्रों का पूजन करें।
  2. नजर दोष से बचावः घर परिवार और बच्चों पर बार-बार नजर लगने की स्थिति शुक्रवार के दिन 3 गोमती चक्रों को अपने ऊपर से 7 बार उसार लें और इन गोमती चक्रों किसी निर्जन स्थान पर रख आयें। नजर दोष का प्रभाव ज्यादा हो तो इस क्रिया को लगातार 7 शुक्रवार करें।
  3. घर का निर्माण करते समयः नया घर बनाते समय चारों दिशाओं में 11-11 गोमती चक्रों को भगवान शिव के गायत्री मंत्र से सिद्ध करकें चन्दन से तिलक करके वास्तु पूजन के पश्चात् भूमि में गाड देना चाहिए। ऐसा करने से घर की नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा होती है और भगवान शिव का आर्शिवाद सदैव उस घर पर रहता है।
  4. ज्यादा डरने वाले बच्चों के लिएः जिन बच्चों को ज्यादा डर लगता है और नींद में एकदम से डर कर उठ जाते है उन्हें 1 गोमती चक्र हनुमान गायत्री मंत्र से सिद्ध करके मंगलवार के दिन धारण करवाना चाहिए। इससे बच्चे को अच्छी बुद्धि प्राप्त होगी और बच्चे का भय धीरे धीरे समाप्त हो जायेगा।
  5. शनि साढे साती मेः शनि न्याय के देवता है और जब भी किसी जातक की जन्मकुण्डली में साढे साती लगाते है तो कर्मानुसार उस जातक को दुख भोगना पडता है। इस समय पर मतिभ्रम के चलते बहुत हानियां होती है। ऐसा होने पर 1 गोमती चक्र ओऊम् नमः शिवाय मंत्र से सिद्ध करके शिवरात्रि के दिन धारण करें।
  6. बीमारी से छुटकारें के लियेः गोमती चक्र सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है जो हर रूप से शुभ है। बुरें विचारों और पंचतत्व जनित विकारों से शरीर कमजोर और बीमार हो जाता है इन बीमारियों को शान्त करने और शरीर में रक्त के प्रवाह को सुचारू रुप से चलाने के लिए मंगल ग्रह के वैदिक मंत्र से गोमती चक्र को सिद्ध करके धारण करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढता है और शरीर रोग मुक्त होता है।
  7. नौकरी के क्षेत्र मेः जो लोग अपने कार्य स्थान से परेशान रहते है और जिन लोगों की नौकरी नही लग रही हो उन्हें गोमती चक्र पर अष्टगन्ध से तिलक करके शुक्लपक्षीय सोमवार को शिवलिंग पर जलाभिषेक के पश्चात गोमती चक्र चढाना चाहिए। इससे आपकी मनोकामना पूर्ण होगी।
  8. परिवार में सुख-शान्ति बनाने के लिएः परिवार में सुख शान्ति बनाने के लिए 7 गोमती चक्र हल्दी में डालकर लाल रंग के कपडे में लपेटकर घर के मन्दिर में शुक्रवार के दिन रखने चाहिए। ऐसा करने से परिवार में सुख शान्ति बनी रहती है।
  9. धन-धान्य में वृद्धि करने के लिएः धन-धान्य में निरन्तर वृद्धि करने के लिए 6 गोमती चक्र 6 सफेद कोढियों के साथ लाल कपडे में बांधकर घर की पश्चिम दिशा में स्वच्छ स्थान में रखें ऐसा करने से धन-धान्य में निरन्तर वृद्धि होती रहेगी।
  10. गर्भ धारण के लिएः यदि गर्भ धारण में समस्या आ रही हो और गर्भ धारण के पश्चात गिर जाता हो तो 1 गोमती चक्र चाँदी में बनाकर शुक्ल पक्षीय बृहस्पतिवार को कमर में धारण करना चाहिए और माँ दुर्गा का ध्यान करना चाहिए। ऐसा करने से माँ दुर्गा की कृपा होती है और गर्भ नही गिरता।
  11. जादू-टोने का शक हो तोः जब भी हमारे परिवार पर कोई विपत्ति आती है तो हमें ऐसा लगता है की किसी ने कुछ जादू-टोना कर दिया है और हम तांत्रिकों और झाड़ा लगाने वालों के चक्करों में पड़ जाते है जोकि बिल्कुल गलत है। कोई भी जादू-टोना ईश्वर से बड़ा नही होता। लेकिन फिर भी आपका मन शान्त न हो तो 3 गोमती चक्र घर के मुखिया के ऊपर से ऊसार लें और उसे बहते पानी में बहा दें।

नोटः कभी भी गोमती चक्र को प्रयोग करने से पहले इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि गोमती चक्र कही से टूटा या चटका न हो। और कई बार प्रयोग के बात गोमती चक्र कार्यसिद्ध होने के बाद स्वतः ही चटक जाता है ऐसी स्थिति में गोमती चक्र को जल में प्रवाहित कर दें।

आज के लिए इतना ही कल फिर मिलेगें किसी नई जानकारी के साथ, तब तक के लिए आप सभी से आज्ञा चाहते है। आपका जीवन शुभ व मंगलमय हो।

।। नमो नारायण ।।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *