क्या आपके घर में लकड़ी का मंदिर है?

नमो नारायण मित्रों,
मैं राहुलेश्वर स्वागत करता हूँ आपका भाग्य मंथन में।

मित्रो आज हम आपको लकड़ी के मंदिर के बारे में एक बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है. मंदिरो का निर्माण धातु, पत्थर व लकड़ी से किया जाता है. जिसमे लकड़ी से बने डिज़ाइनदार मंदिर आज कल बहुत प्रचलन में है. लकड़ी से बना मंदिर अच्छा तो होता है पर इसे खरीदने से पहले कुछ बाते ध्यान में रखना चाहिए.

मंदिर किसी से भी दान या उपहार स्वरुप नहीं लेना चाहिए. किसी के द्वारा प्रयोग किआ हुआ मंदिर भी अपने घर नहीं लाना चाहिए.ऐसा करने से बृहस्पति ग्रहअपना बुरा प्रभाव देने लगते है.
कभी भी आप जब लकड़ी का मंदिर ख़रीदे तो इस बात को सुनिश्चित कर ले वह मंदिर जिस लकड़ी से बना है वह पहले किसी फर्नीचर के लिए न इस्तेमाल की गयी हो. मंदिर बनाने में जो लकड़ी प्रयोग की जाती है वह पेड़ से कटने के बाद सीधा मंदिर बनाने में लायी जानी चाहिए. आज कल लालच के चलते फर्नीचर वाले पुराने फर्नीचर में से लकड़ी निकाल मंदिर निर्माण कर देते है. जिससे शनि ग्रह अपना बुरा प्रभाव देने लगते है और वास्तु दोष उत्पन होता है
जिन पेड़ो से सफ़ेद रंग का द्रव्य पदार्थ निकलता है जो की दूध की तरह दिखता है ऐसे पेड़ो से बने मंदिर अशुभ फल देने वाले होते है इसलिए मंदिर खरीदने से पहले अच्छी तरह जांच पूछ लीजिये की मंदिर बनाने में कोनसी लकड़ी इस्तेमाल की गयी है.
* जिस लकड़ी पर कीड़ा लगा हो उस उस लकड़ी से बने मंदिर को तुरंत बदल देना चाहिए.ऐसे मंदिर का प्रयोग करने से घर में रोग और कलह बढ़ती है.
जिस लकड़ी पर विषयुक्त कीड़े या सर्प लिपटे हो उस लकड़ी से भी मंदिर का निर्माण नहीं करवाना चाहिए. इस प्रकार के मंदिर घर में रखने से घर में अचानक दुखद सूचनाएं मिलने लगती है.
* कभी भी शमशान घाट में उगे लड़की से बने मंदिर भी घर नए लाना चाहिए इससे मानसिक अशांति बनती है और प्रेत बढ़ा की सम्भावना बढ़ती है.